कथक की जन्म भूमि प्रयागराज में कथक महोत्सव की शुरुआत

0
87

कथक नृत्य की जननी संगम नगरी प्रयागराज के कथक केन्द्र के प्रेक्षाग्रह में आज कथक महोत्सव की शुरुआत हुई । इस  10 दिवसीय कथक महोत्सव की शुरूआत आयकर आयु्त  वी. के. राय ने  दीप प्रज्वलन के साथ हुई । कार्यक्रम में  काव्या, चहक, स्नेहा द्वारा गणेश वन्दना से किया गया।

इसके बाद  कथक नृत्यांगना उर्मिला शर्मा ने अपने गुरु पं० बिरजू महाराज जी के चित्र पर नत मस्तक होकर गुरू वन्दना से अपने नृत्य द्वारा पुष्पान्जलि अर्पित की।  इसके उपरान्त महाराज जी द्वारा दिये गये दिशा-निर्देशानुसार शास्त्रीय नृत्य के अन्तर्गत उपज-थाट, नृत्य में खड़े होने का अन्दाज, टुकड़े-तिहाइयाँ, परन, प्रिमलु सभी विधा को कथक की कला में पिरोते हुए दर्शकों के सामने सुन्दर एक आकर्षक अन्दाज में प्रस्तुत किया जिसमें राधा-कृष्ण की छेड़, द्रौपदी चीर हरन, बादलों की गड़गड़ाहट कृष्ण का गोप-ग्वालों द्वारा जमुना किनारे गेंद खेलना, घोड़े की चाल पैरो द्वारा दिखाना, धनुष-तीर के अन्दाज के साथ भाव से नायिका भेद किया जिसमें ईश्वरकी पूजा को करने का अन्दाज तीन तरह भाव भंगिमा में दिखाया गया ।

इसी क्रम में सीधी, चंचल और घमंडी लड़की ईश्वर की अराधना किस प्रकार करती से है नृत्य द्वारा दिखाया गया क्रमानुसार पं० बिन्दादीन महाराज द्वारा रचित दादरा बिहारी को अपने बस कर पाऊँ पर श्री कृष्ण के बाल काल को सुन्दर भाव-भंगिमा द्वारा प्रस्तुत कर प्रेक्षाग्रह में मौजूद सैकड़ो दर्शकों द्वारा सराहा गया। इस कार्यक्रम में संगत करने आकाशवाणी के कलाकार पूरन मिश्र तबले पर, मंजीत कुमार पखावज पर एवं गायन की प्रस्तुति श्रीमती संगीता राय ने किया व साइड रिदम श्री अनुराग मिश्रा द्वारा किया गया कार्यक्रम का संचालन संजय पुरुषार्थी द्वारा किया गया ।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here