प्रयागराज ।
लोकसभा चुनाव में भाजपा और उसके सहयोगी दलों ने पूरी ताकत झोंक दी है । भाजपा कार्यकर्ताओं से संवाद बढ़ाने, उन्हे अपनी बात उनकी ही जुबान में देने का नया पैंतरा निकाला है । प्रयागराज में भाजपा ने मुसलमानों में पहुंच बनाने के लिए उर्दू और अरबी को भी चुनावी मैदान में उतार दिया है। उर्दू और अरबी में लिखी होर्डिंग्स भाजपा ने लगाई हैं।
यूपी में चुनाव प्रचार में पहली बार उर्दू -अरबी की एंट्री
यूपी में 80 के पार के संकल्प को लेकर भाजपा
सम्मेलन कराने, घर-घर दस्तक देने जैसे अभियानों के साथ संप्रदाय, महिला, किसान, युवाओं को वर्गीकृत कर मतदाताओं के पास पहुंचने का प्रयास कर रही है। पसमांदा मुस्लिम समाज के साथ मिलकर मुस्लिम अल्प संख्यक समाज में अपनी छवि बदलने में लगी भाजपा ने मुस्लिम मतदाताओं को भी अपने पाले में लाने के लिए मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में उर्दू और अरबी भाषा में प्रचार अभियान शुरू किया है। प्रयागराज से इसकी शुरुआत हुई है। जिले के मुस्लिम आबादी वाले इलाके फाफामऊ में उर्दू और अरबी में लिखी होर्डिंग्स लगाई गई हैं । होर्डिंग पर लिखा है, फिर एक बार मोदी सरकार, अबकी बार 400 पार। उर्दू और अरबी में ऐसे कई बैनर भी पार्टी लगाने जा रही है। भाजपा के इस नए अभियान को लेकर पार्टी के नेता समर अब्बास रिजवी का कहना है कि भाजपा सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास के नारे को अपना उद्देश्य मानकर चल रही है। पार्टी को मुस्लिम समाज का समर्थन मिल रहा है। अब जब उर्दू और अरबी भाषा में बैनर लगाए जायेंगे तो मुस्लिम समाज में ज्यादा प्रभाव पड़ेगा। इससे प्रदेश की सभी 80 सीटों के जीने का लक्ष्य पूरा होगा।
जिले के फाफामऊ में भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष बासित अली की तरफ से उर्दू में पहली होर्डिंग लगाई गई है। इसमें प्रधानमंत्री मोदी, मुख्यमंत्री योगी, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, महानगर अध्यक्ष राजेंद्र मिश्र, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह व अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष की तस्वीर लगी है।
“एक बार फिर ,मोदी सरकार” के स्लोगन भी उर्दू में
इन होर्डिंग्स और बैनर को भाषाई कलर देने के साथ साथ इनमें एक बार फिर मोदी सरकार का स्लोगन भी लिखा गया है। इससे पूर्व पार्टी की ओर से हिंदी के साथ अंग्रेजी में प्रचार सामग्री कुछ राज्यों में प्रसारित होती रही है लेकिन उर्दू और अरबी भाषा का प्रयोग पहली बार हो रहा है।
इसके पीछे एक और वजह भी है। भाजपा के केंद्रीय कार्यालय की तरफ से यह सुझाव दिया गया था कि मुस्लिम समाज के कई बुजुर्ग हिंदी व अंग्रेजी नहीं समझते लेकिन उर्दू और अरबी वो अच्छे से समझते हैं। ऐसे में अगर उनकी भाषा में प्रचार सामग्री तैयार कर मुस्लिम समाज तक अपनी बात को पहुंचाया जाए ।