प्रयागराज , 12 फरवरी : मशरूम उत्पादन में कम लागत में अधिक फायदे के मूल मन्त्र से मशरूम कल्चर की तरफ लोगों का लगातार रुझान बढ़ता जा रहा है | अहम् बात यह भी है की अब मशरूम कल्चर युवाओं में स्वरोजगार की पहली पसंद बनता नज़र आ रहा है | औद्यानिक प्रयोग एवं प्रशिक्षण केंद्र खुशरूबाग प्रयागराज में चल रहे तीन दिवसीय मशरूम उत्पादन प्रशिक्षण कार्यक्रम में युवाओं की भागेदारी से इसकी बाकायदा पुष्टि हुई है |
मशरूम उत्पादन में स्वरोजगार के असीम संभावनाओं को देखते हुए इस कार्यक्रम में युवाओं ने विशेष तौर पर इसमें हिस्सा लिया | कार्यक्रम के संयोजक औद्यानिक प्रयोग एवं प्रशिक्षण केंद्र के प्रशिक्षण प्रभारी वीके सिंह के मुताबिक़ तीन दिवसीय इस प्रशिक्षण कार्यक्रम 30 प्रतिभागियों को प्रशिक्षण के पंजीकरण के लिए आमंत्रित किया गया था लेकिन 51 प्रतिभागियों ने इसके लिए आवेदन किया जिन्हें यहाँ तीन दिनों तक ट्रेनिंग दी गई |
उत्तर प्रदेश सरकार भी सब्सिडी और प्रशिक्षण से दे रही है प्रोत्साहन :
युवाओं को आत्म निर्भर बनाने और किसानो की आमदनी को दो गुना करने के योगी सरकार के संकल्प को मशरूम उत्पादन की प्रोत्साहन नीति में भी देखा जा सकता है | एकीकृत राज्य बागवानी विकास मिशन योजना के तहत राज्य सरकार मशरूम उत्पादकों को सब्सिडी प्रदान कर अपना योगदान कर रही है |
इसमें 20 लाख रूपये की इकाई स्थापना में सरकार 40 फीसदी सब्सिडी दे रही है | इसके अलावा मशरूम के बीज यानी की स्पोन के उत्पादन और मशरूम की कम्पोस्ट इकाई लगाने पर भी 40 फीसदी की सब्सिडी है | इसके अतिरिक्त सरकार की तरफ से जागरूकता और आवश्यक जानकारी साझा करने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम भी चलाये जा रहे हैं | खुसरू बाग़ आयोजित इस तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम भी इसी का हिस्सा था | इसमें 51 प्रतिभागियो ने हिस्सा लिया |
युवाओं में मशरूम उत्पादन का बढ़ता क्रेज :
बदलते दौर में युवाओं का स्वरोजगार का रुझान भी बदला है | युवा अब परमपरागत सोंच से आगे निकलकर कुछ नया करने की सोंच रहा है | औद्यानिक प्रयोग एवं प्रशिक्षण केंद्र खुशरूबाग प्रयागराज आयोजित किये गए तीन दिवसीय मशरूम उत्पादन प्रशिक्षण कार्यक्रम में भी इसकी झलक देखने को मिली जिसमे शिरकत करने वालो में 90 फीसदी ऐसे युवा थे जिनकी उम्र तीस बरस से भी कम थी | शुआट्स से एमबीए कर रही तान्या चंद्रा इसमें प्रतिभागी थी जो मशरूम में बेहतर भविष्य के चलते इसकी ट्रेनिंग में शामिल हुई | इटली की पाडवा यूनिवर्सिटी से एमएससी कर रही करिश्मा सिंह भी इसमें शामिल हुई | करिश्मा कहती हैं की मशरूम की पोषक शक्ति और इसका हर्बल पावर भविष्य में इसके लिए अपार संभावनाए समेटे हुए है इसलिए इस ट्रेनिंग को अटेंड करने वह यहाँ आई |
अभिषेक अभी स्नातक कर रहे हैं लेकिन वह अपने गाव में खाली पडी जमीन पर मशरूम का उत्पादन कर वह मशरूम रेस्टोरेंट डालना चाहते हैं | प्रतापगढ़ की कृति शुक्ला तो बाकायदा मशरूम का उत्पादन कर रही है | ऊंचा हार में उन्होंने अपनी एक छोटी से यूनिट लगा रखी है जिसे उनकी मशरूम गुरु डॉ हेमलता पन्त का सहयोग मिला है | कृति मशरूम की बड़ी बना रही हैं |
गाँव से ग्लोबल बाज़ार तक मशरूम का बढ़ रही हैं मशरूम की मांग :
उत्पादन का सीधा सम्बन्ध बाज़ार से है | मशरूम पर भी यही बात लागू होती है | खुशरू बाग़ में इस विषय के विशेषज्ञों द्वारा मशरूम उत्पादन के गुर सिखाने के साथ मशरूम के बाज़ार पर भी मंथन हुआ | मशरूम उत्पादन में लम्बे वक्त से कार्य कर रही सीएमपी डिग्री कॉलेज की असिस्टेंट प्रोफ़ेसर डॉ. हेमलता पन्त ने मशरूम उत्पादन की बारीकियों को साझा किया | उन्होंने बताया कि अपने पोषक मूल्य और हर्बल विशेषताओं की वजह से आने वाले समय में मशरूम सुपर फ़ूड का स्थान हासिल करने जा रहा है | अमित कुमार मौर्य विशेषज्ञ बताते हैं की मशरुम ने किचेन में सब्जी की दहलीज पार कर ली है | मशरूम का सबसे अधिक उपयोग इन दिनों जिम में बोडी बिल्डिंग में बॉडी बूस्टिंग प्रोटीन पाउडर के रूप में हो रहा है | इसके अलावा गृह उद्योग में अब मसरूम समोसा ,मशरूम रसगुल्ला . मसरूम बिस्किट पापड़ और मशरूम कैंडी भी बन रहे हैं | कार्यक्रम में चन्द्र शेखर आज़ाद कृषि विश्विद्यालय से आये डॉ नौशाद आलम ने अनुपयोगी मशरूम से वर्मी कम्पोस्ट तैयार करने की विधि और फायदों पर अपनी जानकारी साझा की | इस तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में कौशाम्बी में मशरूम उत्पादन कर रहे एक मशरूम उत्पादन केंद्र में भी इन सभी को भौतिक प्रशिक्षण दिया गया | आखिर में औद्यानिक प्रयोग एवं प्रशिक्षण केंद्र की तरफ से प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र में प्रशिक्षण किट का वितरण किया गया |