*प्रयागराज, 05 नवंबर।*
प्रयागराज में महाकुंभ के भव्य और दिव्य आयोजन के सात महीने बाद कुंभ नगरी प्रयागराज में गंगा और यमुना नदी के घाटों पर एक बार आस्था का सैलाब उमड़ा। इस बार अवसर था कार्तिक पूर्णिमा पर देव दीपावली के आयोजन का जिसमें नदियों के तट दीयों की रोशनी से नहा उठे। घाटों पर उमड़ी भीड़ को संभालने में प्रशासन के पसीने छूट गए।
*5.5 लाख दीयों से रोशन हुए संगम के घाट*
प्रयागराज का संगम तट और गंगा यमुना के सभी पक्के घाट कार्तिक पूर्णिमा पर 5.5 लाख दीपों की श्रृंखला से जगमग हो उठे । गंगा , यमुना और अदृश्य सरस्वती के पावन तट दीपों की रोशनी की अनुपम छटा से तरह-तरह के भाव और परिकल्पनाएं साकार हो उठी । प्रयागराज के जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा बताते हैं कि 5.5 लाख दीयों से घाटों को रोशन करने के लिए सम्पूर्ण संगम क्षेत्र और घाटों में सौ से अधिक सरकारी कर्मचारी और अधिकारी व्यवस्था के लिए लगाए गए। सभी विभागों के लिए दीयों का अलग-अलग लक्ष्य दिया गया। डूडा की स्वयं सहायता समूह की महिलाओं की सहभागिता सबसे महत्वपूर्ण थी। डूडा की परियोजना अधिकारी प्रतिभा श्रीवास्तव बताती हैं कि डूडा की तरफ से समूह की महिलाओं की तरफ से बनाए गए दीयों को यहां प्रमुखता से जगह मिली है। वर्तिका समूह की तरफ से गोबर से बनाए गए 21 हजार डिजाइनर दीए भी यहां आने वाले लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र रहे।
*पक्के घाटों पर आयोजित हुए दीपोत्सव*
देव दीपावली पर मुख्य आयोजन संगम किनारे त्रिवेणी के तट पर रहा । यहां प्रशासन के साथ स्वयं सेवी संस्थाओं की तरफ से दीप मालाओं की श्रृंखला जगमग हो उठी।भीड़ का दबाव कम करने के लिए इस बार गंगा और यमुना किनारे 7 पक्के घाटों पर भी देव दीपावली पर घाटों को रोशन किया गया और दीपदान की परंपरा को पूरा किया गया। इसके अंतर्गत दशाश्वमेध घाट, किला घाट , बलुआ घाट, ककरहा घाट और नागवासुकी में भी आयोजन किया गया। इस बार अरैल के परमार्थ संगम घाट पर भी परमार्थ निकेतन और विभिन्न आश्रमों की तरफ से 51 हजार से अधिक दीपक जलाए गए और भजन संध्या का आयोजन किया गया। संगम आरती समिति और हरि हर आरती समिति में भी भव्य आरती और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।
दीपोत्सव देखने आने वाले लोगों के लिए संगम के घाटों को रोशनी से जगमग करने के साथ संगम क्षेत्र में कई सेल्फी पॉइंट्स भी बनाए गए। जहां लोग अपनी स्मृतियों को सहेज सकते हैं। संगम की रेत पर खूबसूरत सैंड आर्ट भी बनाए गए ।
*भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा व्यवस्था में प्रशासन मुस्तैद*
जिला प्रशासन और प्रयागराज विकास प्राधिकरण को इसकी व्यवस्था की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा और पीडीए के वीसी ऋषिराज सिंह सहित दो दर्जन से अधिक सरकारी अधिकारियों को व्यवस्था में लगाया गया था। भीड़ प्रबंधन शहर से संगम जाने वाले सभी मार्गों पर साइनेज और वाहनों के पार्किंग आदि की व्यवस्था भी की गई । पार्किंग प्लान बनाकर व्यवस्थित ढंग से गाड़ियों के पार्किंग की व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने के लिए पुलिस अधीक्षक यातायात पुलिस कर्मियों की टीम वहां लगाया गया । इसके अलावा अग्निशमन की तीन गाड़ियां और पुलिस कर्मी भी मौके पर तैनात रही। सुरक्षा की दृष्टि से आयोजन क्षेत्र को तीन जोन संगम, झूंसी और अरैल में बाटा गया था जिसमें तीन एसीपी लगाए गए थे। सौ से अधिक सीसीटीवी कैमरे संगम क्षेत्र में लगाए गए। इसके अलावा हाई रेजोल्यूशन वाले दो ड्रोन से भी चप्पे चप्पे की निगरानी के लिए लगाए गए। जल पुलिस की गोताखोरों की दस टीमें भी मौके पर मुस्तैद रहीं।


