संगम किनारे माघ मेले में सुर कोकिला राखी की भक्तिमयी प्रस्तुतियों से सरोबार हुआ ऋंगी ऋषि आश्रम

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यूपी के प्रयागराज में संगम किनारे लगे आस्था और अध्यात्म के आयोजन माघ मेले भक्ति , ज्ञान और कर्म की त्रिवेणी प्रवाहित होती रही है | त्रिवेणी की इस धारा में महावीर मार्ग स्थित ऋंगी ऋषि आश्रम व वरुणाक्ष मानव सेवा ट्रस्ट के शिविर में सुर संगीत और भाव का अद्भुत संगम हो रहा है | शिविर में मध्य प्रदेश के रीवा जिले के मऊगंज से आई 11 वर्षीय सुर साधिका राखी दिवेदी ने अपनी भाव विभोर कर देने वाली भजनों की प्रस्तुति से सबका दिल जीत लिया | उड़ीसा के भुवनेश्वर में आयोजित कला उत्सव में शास्त्री एकल गायन में अपने राज्य का प्रतिनिधित्व करने वाली नन्ही सुर साम्राज्ञी राखी ने अपने गुरु स्वामी श्रंगी ऋषि के शिविर में आयोजित भजन संध्या में अपनी सधी हुई आवाज का जादू बिखेरा | जिस उम्र में लड़कियां गुड़ियों से खेलती हैं उम्र के उस दौर में राखी शास्त्रीय संगीत की बारीकियों को आत्मसात कर गीत भजन और गायन की ऐसी प्रस्तुतियां दे रही है जिसे जल्दी यकीन कर पाना मुश्किल लगता है | सिद्धेश्वर स्वामी ऋंगी ऋषि महाराज के आश्रम में यह भजन संध्या देर शाम तक चलती रही। संगम नोज पर सैकड़ों भक्तों के बीच राखी ने एक एक कर कई भक्ति भाव से पूर्ण प्रस्तुतियां दी जिसे सुनकर श्रोता भाव विभोर हो गए |
इस भजन संध्या में राखी के साथ उनके बाबा डॉ. रत्नेश्वर प्रसाद द्विवेदी ने हारमोनियम पर संगत की तो वहीं तबला पर राखी का साथ हर्ष द्विवेदी ने दिया वहीं मंजीरे पर राखी के चाचा ज्ञानेंद्र द्विवेदी ने साथ दिया।
भजन संध्या के बाद काल भैरव के अनन्य भक्त, सिद्ध तंत्र साधक और पुजारी ऋंगी ऋषि जी महाराज ने राखी द्विवेदी के भजन गायन की सराना की और अपना आशीर्वाद दिया। उन्होंने कहा कि बच्ची में गायन के क्षेत्र में बेहतर करने की अपार संभावना है। यह एक दिन गीत संगीत की दुनिया में स्वर कोकिला की तरह देश का नाम आगे ले जायेगी |

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