कुंडा। प्रतापगढ़ के कुंडा विधायक व जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के राष्ट्रीय अध्यक्ष रघुराज प्रताप सिंह राजा भैया ने लोकसभा चुनाव को लेकर लिया बड़ा फैसला किया है। लोकसभा चुनाव में राजा भैया ने किसी भी प्रत्याशी को अपनी पार्टी जनसत्ता दल लोक तांत्रिक की समर्थन देने से इंकार कर दिया है। राजा भैया के इस फैसले से कौशांबी से भाजपा प्रत्याशी विनोद सोनकर को मायूसी हुई है।
प्रतापगढ़ में राजा भैया के आवास बेंती कोठी के बाहर बेंती में आज इसी फैसले को लेकर राजा ने अपने समर्थकों पार्टी पदाधिकारियों की एक सभा आयोजित की दी। जिसमे कई घंटे के विचार मंथन के बाद योग्य प्रत्याशी न होने की वजह से कुंडा और बाबगंज की जनता को योग्य उम्मीदवार को जिताने का किया ऐलान किया गया।
*फैसले के पहले विनोद सोनकर और संजीव बालियान की मीटिंग से मिल गए थे संकेत*
इस पूरे घटना चक्र के पहले एक और सियासी तस्वीर सामने आई। कौशांबी से भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी विनोद सोनकर और केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान रघुराज प्रताप से मिलने उनके आवास बेंती कोठी पहुंचे। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक विनोद सनकर ने राजा भैया से समर्थन मांगा और अनुरोध किया कि पिछले विवाद को भूलकर वह उनके साथ दें । राजा भैया ने इस मामले का पूरा फैसला जनता पर छोड़ दिया । विनोद सोनकर की बॉडी लैंग्वेज से ही संकेत मिल गए थे कि मुलाकात का कोई हल नहीं निकला। आधा घंटे की इस मुलाकात के बाद राजा भैया वापस जनता के बीच सभा में आए उन्होंने वहां हज़ारों कार्यकर्ताओ को र संबोधित किया। और अपने फैसले का ऐलान कर दिया।
*क्या सियासी मायने है इस फैसले के*
इस फैसले के अपने सियासी मायने है जिसकी वजह से सभी सियासी दलों की नजरे राजा भैया के इस ऐलान पर लगी हुई थी। दरअसल कौशाम्बी लोकसभा में जीत और हार प्रतापगढ़ जिले की कुंडा और बाबागंज विधानसभा के मतदाता तय करते हैं। 19 लाख वोटर्स वाली कौशांबी लोक सभा सीट में अकेले बाबागंज और कुंडा विधानसभा सभा से सात लाख से अधिक वोटर आते हैं जिसमे राजा भईया का खासा असर है। राजा भैया का किसी दल को समर्थन न देने का मतलब भी उनके समर्थक और विरोधी समझते हैं।