क्या दुनिया से खत्म हो जायेंगे पुरुष ? शोध में हैरान करने वाला खुलासा

0
30

नई दिल्ली। धरती में पहले पुरुष आई या औरत इस सवाल का जवाब तलाशने का वक्त बीत गया था। अब सवाल यह है कि बिना पुरुष के कैसे चलेगी दुनिया । इस सवाल की वजह है सामने आई एक रिसर्च जिसमें दावा किया गया है कि पुरुषों के लिए जिम्मेदार Y तेजी से धरती से विलुप्त हो रहे हैं। दरअसल यह Y क्रोमोसोम ही हैं जो शिशु के लड़का होने के लिए जिम्मेदार है। तो क्या ऐसा होगा कि धरती पर सिर्फ महिलाएं ही बचेंगी , पुरुष नहीं ? ऐसी स्थिति में सृष्टि कैसे चलेगी ? संतति कैसे आगे बढ़ेगी ? बड़ा सवाल यही है । ताजा स्टडी तो कुछ ऐसा ही इशारा कर रही है। जीव वैज्ञानिक जेनी ग्रेव्स ने अपने शोध के आधार पर यह दावा किया है कि दुनिया में Y क्रोमोसोम खत्म हो रहे हैं। इसकी वजह बदलता वातावरण और खानपान की संस्कृति है।

क्या है दावे का आधार…

इस शोध को पूरा करने वाले ऑस्ट्रेलिया के आनुवांशिकी विद प्रोफेसर जेनी ग्रेव्स ने इसका आधार एक जीव प्लैटिपस को जोड़कर दिया है। उनके मुताबिक प्लैटिपस में XY क्रोमोसोम एक जैसे होते हैं यानी वह नर और मादा दोनो होता है। उनका दावा है कि इसका मतलब ये है कि हर स्तनधारी में X और Y क्रोमोसोम कुछ समय पहले तक एक जैसे ही हुआ करते थे लेकिन पिछले 16 करोड़ सालों में इंसानों और प्लैटिपस के अलग होने के बाद एक बड़ा बदलाव आया। हम हर 10 लाख सालों में Y क्रोमोसोम 5 जीन खो रहे हैं और अगर ये इसी रफ्तार से चलता रहा तो अगले 110 लाख सालों में Y क्रोमोसोम पूरी तरह से धरती से खत्म हो जाएंगें ।
*फिर भी चलेगी दुनिया यह है आधार ..*
Y क्रोमोसोम के न रहने के बाद सृष्टि कैसे चलेगी । इसका जवाब भी वैज्ञानिक ग्रेव्स ने दिया है।
प्रोफेसर ग्रेव्स का ये भी कहना है कि इस शोध ये बात भी सामने आई है कि हो सकता है कि आने वाले समय में इंसानों में एक नया सेक्स निर्धारित करने वाला नया जीन विकसित हो जाय । वैसे ये इतना आसान भी नहीं है क्योंकि एक नया सेक्स-निर्धारक जीन विकसित होने से खतरे भी बढ़ सकते हैं । हो सकता है कि दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग तरह के लिंग निर्धारक जीन विकसित हो जाएं । ऐसा हुआ तो हो सकता है कि 11 करोड़ साल बाद धरती पर या तो इंसान बचे ही नहीं या फिर कई अलग-अलग तरह के इंसान पाए जाएं, जिनमें नर और मादा के अलावा भी अन्य सेक्स शामिल हों ।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here