*झांसी।* ऐतिहासिक झांसी किला, जो रानी लक्ष्मीबाई की वीरता और स्वाभिमान का प्रतीक माना जाता है, अब एक बार फिर सांस्कृतिक धरोहर के रूप में जीवंत होने जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर झांसी किले में जल्द ही बुंदेलखंड की संस्कृति पर आधारित नियमित सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शुरुआत की जाएगी। इस पहल का उद्देश्य न केवल स्थानीय लोककला और परंपराओं को पुनर्जीवित करना है, बल्कि झांसी को एक जीवंत सांस्कृतिक पर्यटन केंद्र के रूप में स्थापित करना भी है। इसके तहत, सप्ताह में एक दिन विशेष रूप से सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के लिए निर्धारित किया जाएगा। इन आयोजनों में बुंदेली लोकगीत, लोकनृत्य, लोकनाट्य, पारंपरिक वाद्ययंत्रों की प्रस्तुतियां और स्थानीय कलाकारों के रचनात्मक प्रदर्शन शामिल होंगे। सरकार ने यह भी निर्णय लिया है कि कार्यक्रम प्रस्तुत करने वाले कलाकारों को मानदेय प्रदान किया जाएगा, जिससे स्थानीय कलाकारों को आर्थिक प्रोत्साहन और सामाजिक सम्मान दोनों मिल सके।
*लोकसंस्कृति और इतिहास से परिचित हो सकेंगे पर्यटक*
राजकीय संग्रहालय के उप निदेशक मनोज कुमार गौतम ने बताया कि सितंबर महीने में झांसी किले में एक सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया जा चुका है, जिसे पर्यटकों से शानदार प्रतिक्रिया मिली। अब शासन के निर्देश पर इसे नियमित रूप दिया जा रहा है। आने वाले दिनों में झांसी किले में बुंदेलखंड की संस्कृति से जुड़े कार्यक्रम हर सप्ताह आयोजित किए जाएंगे, ताकि पर्यटक यहां की लोकसंस्कृति और इतिहास दोनों से परिचित हो सकें। यह प्रयास न केवल सांस्कृतिक संरक्षण की दिशा में है, बल्कि झांसी को पर्यटन के नए मानचित्र पर अग्रणी बनाने की दिशा में भी एक ठोस कदम है।
*अर्थव्यवस्था को भी मिलेगी मजबूती*
बुंदेलखंड क्षेत्र अपनी वीरता, कला और लोकसंगीत की समृद्ध परंपरा के लिए जाना जाता है। सरकार का मानना है कि यदि इन परंपराओं को ऐतिहासिक स्थलों से जोड़ा जाए, तो इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। संस्कृति विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस योजना के तहत झांसी किले के साथ-साथ अन्य ऐतिहासिक स्थलों पर भी इसी तरह के कार्यक्रम आयोजित करने की योजना है। इसका उद्देश्य है कि पर्यटक जब भी किसी ऐतिहासिक स्थल पर जाएं, तो उन्हें उस क्षेत्र की संस्कृति, कला और लोकजीवन का अनुभव भी प्राप्त हो। आगामी महीनों में झांसी किले में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार की जा रही है।


