योगी सरकार की जो इंफ्लुएंसर्स के लिए स्कीम है, उसमें पैसा किस प्रक्रिया के तहत मिल पाएगा
सोशल मीडिया इंफ़्लूएंशर के लिए योगी सरकार की बड़ी सौगात,जनकल्याण की नीतियों को आम लोगों तक पहुंचाएं,उत्तरप्रदेश डिजिटल मीडिया नीति 2024 में आठ लाख रूपये प्रति माह तक कमाई का मौका!
योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश डिजिटल मीडिया नीति-2024’ को लागू करने का निर्णय लिया है.27 अगस्त को हुई कैबिनेट की बैठक में इस नीति को मंजूरी दे दी गई.डिजिटल मीडिया हैंडल्स संचालकों / डिजिटल मीडिया इंफ्लुएंसर्स को विज्ञापन मान्यता कैसे मिलेगी, इससे जुड़ी प्रक्रिया और गाइडलाइन 28 अगस्त को जारी की गई.सरकार जनकल्याण से जुड़ी नीतियों और कार्यक्रमों को आम लोगों तक पहुंचाने वाले हैंडल्स संचालकों / डिजिटल मीडिया इंफ्लुएंसर्स को विज्ञापन के तौर पर आठ लाख रूपये तक भुगतान करेगी.
नई सोशल मीडिया नीति के तहत उत्तर प्रदेश सरकार प्रदेश के भीतर और बाहर से संचालित होने वाले डिजिटल मीडिया हैन्डल, पेज, चैनल, अकाउंट होल्डर, संचालक, डिजिटल मीडिया इन्फ्लूएंसर्स और कन्टेन्ट राइटर या इनसे जुड़ी एजेंसी/फर्म के लिए है. सरकार के कार्यक्रमों और योजनाओं की सूचना और कल्याणकारी योजनाओं का लाभ डिजिटल माध्यम से लोगों तक पहुंचाने वालों को उत्तर प्रदेश सरकार के विज्ञापन सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग से जोड़ा जाएगा. फिर इन्हें विभाग में सूचीबद्ध कर नियम के अनुसार विज्ञापन दिया जाएगा.
दो साल से आपका चैनल/प्लेटफॉर्म अस्तित्व में हो और उसका दस्तावेज भी अपडेटेड हो……..
——विज्ञापन के लिए आप तभी योग्य माने जायेंगे जब आपका चैनल/प्लेटफॉर्म दो साल से अस्तित्व में हो साथ ही दस्तावेज भी अपडेटेड हो.
—— विज्ञापन के लिए आप तभी योग्य माने जाएंगे जब आप पर कोई आपराधिक मामला दर्ज नही होगा. आपको शपथ पत्र देना होगा.
——- विज्ञापन के लिए आप तभी योग्य माने जाएंगे जब रजिस्टर्ड होने के लिए आपको छह महीने की डिजिटल मीडिया ऐनालिटिक्स रिपोर्ट देनी होगी.
——– आपके पास वीडियो,पोस्ट या कंटेन्ट आदि बनाने के लिए खुद के शूटिंग से जुड़े सभी उपकरण होने चाहिए.
——- होल्डर, संचालक, डिजिटल मीडिया इन्फ्लूएंसर्स, कन्टेन्ट राइटर या इनसे संबंधित एजेंसी या फर्म को रजिस्टर्ड किया जायेगा.
सरकार के सकारात्मक कामों को जनता तक पहुंचाएं सरकार आपके खाते में पैसा पहुंचाएगी……..
राज्य सरकार फेसबुक, एक्स, इंस्टाग्राम और यूट्यूब जैसे विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्म चलाने वाले और इन्फ्लूएंसर्स को उनके सब्सक्राइबर्स या फॉलोअर्स के आधार पर प्रति माह 8 लाख रुपये तक का भुगतान करेगी. इसके लिए चार अलग-अलग श्रेणियां बांटी गई हैं. एक्स, फेसबुक, इंस्टाग्राम के लिए श्रेणीवार अधिकतम भुगतान सीमा क्रमशः ₹ 5 लाख, ₹ 4 लाख, ₹ 3 लाख और ₹ 2 लाख प्रति माह निर्धारित की गई है.
वहीं यूट्यूब पर वीडियो, शॉर्ट्स, पॉडकास्ट के लिए श्रेणीवार अधिकतम भुगतान सीमा क्रमशः ₹ 8 लाख, ₹ 7 लाख, ₹ 6 लाख और ₹ 4 लाख प्रति माह तय की गई है.
सरकार ने सभी प्लेटफॉर्म के लिए अलग अलग श्रेणी और अहर्ता तय किया है.
फेसबुक……
चार केटेगरी तय किया गया है.
श्रेणी अ(छह महीने में )
दस लाख सब्सक्राइबर्स/फॉलोअर्स
दस न्यूनतम वीडियो या 20 पोस्ट
श्रेणी ब (छह महीने में )
पांच लाख सब्सक्राइबर्स /फॉलोअर्स
आठ वीडियो या सोलह पोस्ट
श्रेणी स (छह महीने में )
दो लाख सब्सक्राइबर्स /फॉलोअर्स
छह वीडियो या बारह पोस्ट
श्रेणी द (छह महीने में )
एक लाख सब्सक्राइबर्स /फॉलोअर्स
पांच वीडियो या दस पोस्ट
एक्स X के लिए भी चार केटेगरी
श्रेणी अ(छह महीने में )
पांच लाख सब्सक्राइबर्स/फॉलोअर्स
पंद्रह न्यूनतम वीडियो या 30 पोस्ट
श्रेणी ब (छह महीने में )
तीन लाख सब्सक्राइबर्स /फॉलोअर्स
बारह वीडियो या 30पोस्ट
श्रेणी स (छह महीने में )
दो लाख सब्सक्राइबर्स /फॉलोअर्स
दस वीडियो या बीस पोस्ट
श्रेणी द (छह महीने में )
एक लाख सब्सक्राइबर्स /फॉलोअर्स
आठ वीडियो या पंद्रह पोस्ट
इंस्टाग्राम (छह महीने में )
केटेगरी अ
पांच लाख सब्सक्राइबर्स /फॉलोअर्स
पंद्रह बिडियो या तीस पोस्ट
केटेगरी ब
तीन लाख सब्सक्राइबर्स /फॉलोअर्स
बारह वीडियो या तीस पोस्ट
श्रेणी स (छह महीने में )
दो लाख सब्सक्राइबर्स /फॉलोअर्स
दस वीडियो या 20 पोस्ट
श्रेणी द (छह महीने में )
एक लाख सब्सक्राइबर्स /फॉलोअर्स
आठ वीडियो या पंद्रह पोस्ट
यू ट्यूब (छह महीने में )
श्रेणी अ
दस लाख सब्सक्राइबर्स /फॉलोअर्स
बारह वीडियो
श्रेणी ब
पांच लाख सब्सक्राइबर्स /फॉलोअर्स
दस वीडियो
श्रेणी स
दो लाख सब्सक्राइबर्स /फॉलोअर्स
दस वीडियो
श्रेणी द
एक लाख सब्सक्राइबर्स /फॉलोअर्स
आठ वीडियो
उत्तर प्रदेश सरकार ने डिजिटल मीडिया नीति-2024 के अंतर्गत अभद्र टिप्पणी पर आजीवन कारावास तक की सजा के प्रावधान को भ्रामक सूचना बताया है. बयान के अनुसार यूपी सरकार की ओर से डिजिटल मीडिया नीति में ऐसा कोई प्रस्ताव स्वीकृत नहीं किया गया है. पोस्ट /वीडियो /कंटेंट आपत्ति जनक नही होने चाहिए और अगर ऐसा होता है तो पहले से लागू कानून के अनुसार ही कार्रवाई होगी.