*प्रयागराज , 12 दिसंबर।*
प्रयागराज के संगम तट पर जनवरी में आयोजित होने जा रहे माघ मेले को नव्य स्वरूप देने की मेला प्रशासन की कोशिश है। मेला को इस बार नया स्वरूप देने के लिए माघ मेला प्रशासन इसे
मानव शरीर के सात ऊर्जा चक्रों की थीम पर विकसित करने जा रहा है।मेला प्रशासन की तरफ से मेले की नव्य थीम आधारित बसावट और सजावट का प्रस्ताव शासन को प्रस्तुत किया गया है।
*मैजिक नंबर 7 पर केंद्रित होगी माघ मेला की सजावट और बसावट*
भारतीय धर्म शास्त्र और दर्शन में 7 अंक
का विशेष महत्व है जो धार्मिक दृष्टि से लेकर रीति-रिवाजों और मान्यताओं तक दिखता है। भारतीय दर्शन , अध्यात्म और ज्योतिषीय विषयों के जानकार आचार्य हरि कृष्ण शुक्ला बताते हैं कि हिंदू धर्म में सात (7) एक अत्यंत पवित्र और आध्यात्मिक संख्या है जो हिंदू सनातन धर्म और संस्कृति की विभिन्न दिव्य अवधारणाओं और दर्शनों का प्रतीकात्मक प्रतिनिधित्व करता है। शरीर में ऊर्जा के केंद्र 7, संगीत के सुर 7 , इंद्रधनुष के रंग 7, सप्तऋषियों में ऋषियों की संख्या 7 और जीवन की पूर्णता के संकल्प 7 इसी अवधारणा पर केंद्रित हैं। इसी अवधारणा पर माघ मेले की सजावट और बसावट की मेला प्रशासन की योजना है ।
*ऊर्जा के 7 चक्रों से संबंधित 7 रंगों से होगा माघ मेले का श्रृंगार*
माघ मेले के अनुभव को पहले की अपेक्षा और बेहतर एवं सुन्दर बनाने हेतु इस बार माघ मेला प्रशासन ने कई कदम उठा रहा है। मेला प्रशासन ने इसके लिए शासन को जो प्रस्ताव भेजा है उसमे सबसे पहले 7 सेक्टरों में विभाजित माघ मेला क्षेत्र के सभी सेक्टर्स को अलग पहचान देने के लिए उसे इंद्रधनुष में शामिल रंगों में अलग रंगों 7 रंगों का प्रयोग है। सभी सेक्टरों के अलग-अलग स्वागत द्वारों को उनके संबंधित रंगो के अनुसार बनाये जाने का प्रस्ताव भी शामिल है। हर सेक्टर की चहारदीवारी पर एक 3 फुट चौड़ी सीमांकन पट्टी का प्रस्ताव जिससे मेले का आकार दृष्टिगत रूप से व्यवस्थित दिखेगा। इस पट्टी पर उत्तर प्रदेश सरकार एवं माघ मेला का प्रतीक चिन्ह भी अंकित होगा। आम जनता के लिए विभिन्न सेक्टर्स व उनकी मुख्य सड़को की पहचान को सुगम बनाने में इससे मदद मिलेगी।
*प्रवेश द्वार, पांटून पुल और नौकाओं का भी होगा सप्तांक अलंकरण*
मेले के सात सेक्टर्स में स्थापित 7 प्रवेश द्वार भी 7 अलग रंगों के होंगे। सभी सात पोन्टून पुलों को सात ऊर्जा चक्रो के इंद्रधनुषी रंगो से अलग अलग अलंकृत किया जाने का प्रस्ताव है। हर पोन्टून पुल पर संरचनात्मक सुरक्षा का ध्यान रखते हुऐ कैनोपी का निर्माण होगा। चारो ओर से साफ़ दिखने के कारण यह कैनोपी पुलों को अति आकर्षक बनाएगी।
पोन्टून पुलों पर पूर्व स्थित लाइट के खम्बो पर एल.ई.डी में धार्मिक चिन्ह के साथ, पुलों के रंगो के अनुसार, झंडे लगाए जाएंगे।यह दिन और रात दोनों समय में इन पुलों की शोभा बढ़ाएंगे। मेले के प्रवेश द्वार, पहुंच मार्घ एवं पुलों को आकर्षक बनाने का प्रस्ताव इसमें शामिल है। संगम की नाव भी इस नई सोच से सराबोर नजर आएंगी। नौकाओं पर सात रंगो में की छतरियां लगेंगी । यह छतरियां बैटरी द्वारा चलने वाली एल.ई.डी लाइट्स से युक्त होंगी।इन छतरियों पर मेले की ब्रांडिंग की जाएगी। सुसज्जित छतरियां मेले को अति आकर्षक बनेगी, क्योंकि नदी में इनकी उपस्तिथि सबसे अधिक दिखाई देती हैं।
इसके अलावा पहली बार घाटों के किनारे चेंजिंग रूम पर भी कलर कोड दिखेगा। संगम के जल में फव्वारा बनाए जाएंगे जिसे 7 रंगों की रोशनी से सुसज्जित किया जाएगा जो रात में दूर से 7 रंग की जल द्वारा प्रवाहित करते नजर आएंगे।





